उड़ानों में देरी पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और शशि थरूर में जुबानी जंग, कांग्रेस सांसद बोले- मोदी निर्मित आपदा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 17 जनवरी 2024 (19:30 IST)
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  • थरूर ने किया थिसॉरस का प्रयोग  
  • थरूर बोले पायलटों को ट्रेनिंग की जरूरत
  • सिंधिया ने दिया हर ट्‍वीट का जवाब 
Shashi Tharoor vs Jyotiraditya Scindia : कोहरे के कारण उड़ान में देरी और दिल्ली हवाई अड्डे पर अव्यवस्था को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। कांग्रेस नेता ने जहां इसे ‘मोदी सरकार निर्मित आपदा’ करार दिया, वहीं केंद्रीय मंत्री ने उन्हें ‘आर्म-चेयर’ आलोचक कहकर पलटवार किया।
 
सिंधिया ने दावा किया कि थरूर "थिसॉरस (पर्याय शब्दकोश) की अपनी गूढ़ दुनिया में खोए हुए हैं", और ‘इंटरनेट के जरिए चुनिंदा प्रेस लेखों से प्राप्त जानकारी’ को वह ‘शोध’ समझते हैं।
 
केंद्रीय मंत्री की तीखी प्रतिक्रिया उस वक्त आई जब थरूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर 6 पोस्ट की एक सीरीज में आरोप लगाया कि दिल्ली हवाई अड्डे पर अराजकता नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 'उपेक्षा और अक्षमता' का परिणाम है, जो यहां विश्व के अन्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी आधुनिक सुविधाएं स्थापित करने में विफल रहा है।
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थरूर ने आरोप लगाया कि भारत का विमानन क्षेत्र खस्ता हालत में है और मंत्रालय यह सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं है कि दिल्ली और अन्य भारतीय शहरों में हवाई अड्डे ऐसे वैश्विक मानक के हों कि शून्य दृश्यता में भी विमान वहां उतर सकें।
 
उन्होंने दावा किया कि मंत्रालय ने यह भी सुनिश्चित नहीं किया है कि सर्दियों के महीनों के दौरान प्रशिक्षित पायलट तैनात किए जाएं, जो कम दृश्यता में भी विमान उतार सकें।
 
एयरपोर्ट की स्थिति को बताया : थरूर ने उनमें से एक पोस्ट में कहा कि हाल ही में दिल्ली हवाई अड्डे पर अव्यवस्था रही है। युवा पेशेवर मकर संक्रांति के लिए घर जाना चाहते थे। सेना अधिकारी लोहड़ी के लिए अपने पैतृक गांव जाने के लिए उत्साहित थे। चिंतित बेटा अपने अस्वस्थ माता-पिता की देखभाल के लिए घर जाने की कोशिश कर रहा था।
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1/6 Delhi Airport has been in chaos recently. The young professional wanting to go home for Makar Sankranti. The Army officer excited to visit his ancestral village for Lohri. The anxious son trying to get home to take care of an unwell parent. Thousands of peoples’ lives and…

— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 16, 2024 >
नियमित, पूर्वानुमानित, कोहरे से भरी सर्दियों की वजह से हजारों लोगों का जीवन और कार्यक्रम बाधित हुआ है। यह मोदी सरकार द्वारा निर्मित आपदा है, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय की उपेक्षा और अक्षमता का परिणाम है।
 
खबरों को भी किया शेयर : विभिन्न खबरों को साझा करते हुए थरूर ने कहा कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को 2008 में 1000 करोड़ रुपए की लागत से नया सीएटी थ्री-बी (श्रेणी-तीन) का रनवे मिला था, जो एक उन्नत ‘लैंडिंग सिस्टम’ है, जिससे पायलट कोहरा होने या दृश्यता 50 मीटर से कम होने की स्थिति में भी हवाई अड्डे पर उतर सकते हैं।
 
बोले पायलटों को ट्रेनिंग की जरूरत : कांग्रेस नेता ने कहा कि रनवे के अलावा, पायलटों को सीएटी थ्री-बी ‘इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग’ के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) यह सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं कि विमानन कंपनियों के पास ऐसे पर्याप्त प्रशिक्षित पायलट हों।
 
इसके अलावा, इसने यह भी सुनिश्चित नहीं किया कि कोहरे की स्थिति के बावजूद दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले पायलट सीएटी थ्री-बी प्रशिक्षित हों। इसलिए, कई उड़ानों को जयपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों की ओर मोड़ दिया गया।’’
 
इसके जवाब में सिंधिया ने भी 6 पोस्ट किए और उनमें कांग्रेस नेता के पोस्ट का बिंदुवार खंडन किया। केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि यह उन लोगों के लिए है जो थिसॉरस (पर्याय शब्दकोश) की अपनी गूढ़ दुनिया में खोए हुए हैं और ‘इंटरनेट के जरिये चुनिंदा प्रेस लेखों से प्राप्त ज्ञान’ को ‘शोध’ समझते हैं। यहां ‘आर्म-चेयर’ आलोचक शशि थरूर और कांग्रेस आईटी सेल के लिए कुछ वास्तविक तथ्य हैं, जो नागरिक उड्डयन जैसे तकनीकी क्षेत्रों की उनकी गहरी समझ की कमी को पूरा करने में उन्हें मदद कर सकते हैं।’’
 
उन्होंने दावा किया कि विमान संचालन के लिए रनवे रखरखाव कार्य एक महत्वपूर्ण सुरक्षा तत्व है और रनवे की स्थिति के साथ कोई भी समझौता सीधे यात्री सुरक्षा को खतरे में डालता है। 
 
परिणामस्वरूप, रखरखाव को कोहरे के मौसम की शुरुआत से पहले 15 दिसंबर तक पूरा करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी थी, लेकिन प्रदूषण की घटनाओं और दिल्ली में ग्रेप-चार के लागू होने के कारण, रीकार्पेटिंग में देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप इसके चालू होने में एक महीने की देरी हुई। पुनर्निर्मित रनवे इस सप्ताह चालू हो रहा है।’’
 
मंत्री ने शशि थरूर की ओर से उल्लेखित एक क्रेन के बारे में कहा कि क्रेन का इस्तेमाल एक अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना, ‘द्वारका एक्सप्रेसवे’ के निर्माण के लिए किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि हालांकि, रनवे पर इसके प्रभाव को देखते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि क्रेन संचालन की अनुमति केवल गैर-कोहरे वाले दिनों में दी जाएगी।
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1/6 Delhi Airport has been in chaos recently. The young professional wanting to go home for Makar Sankranti. The Army officer excited to visit his ancestral village for Lohri. The anxious son trying to get home to take care of an unwell parent. Thousands of peoples’ lives and…

— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 16, 2024 >
सिंधिया ने कहा कि पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित पायलटों पर, आपका दावा हमेशा की तरह गलत और निराधार है। वर्ष 2014 में सीएटी-टू/सीएटी-थ्री प्रशिक्षित पायलटों की संख्या केवल 2416 थी, उसकी तुलना में आज हमारे पास 6191 ऐसे प्रशिक्षित पायलट हैं, जो पिछले नौ वर्ष में 2.5 गुना की वृद्धि है। 
 
इसके अलावा, 2023-24 के कोहरे के मौसम की तैयारी के तहत हमारे प्रयासों के कारण अकेले पिछले तीन महीनों में सीएटी-टू/सीएटी-थ्री प्रशिक्षित पायलटों की संख्या 5332 से 16 प्रतिशत बढ़कर 6191 हो गई है।’’
 
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, डीजीसीए विमानन कंपनियों को सर्दियों के मौसम के दौरान केवल योग्य चालक दल के साथ सीएटी-थ्री(बी) प्रणाली वाले विमान तैनात करने का आदेश देता है। किसी भी उल्लंघन के लिए डीजीसीए द्वारा सख्ती से निपटा जाता है और इसी के तहत स्पाइसजेट तथा एअर इंडिया को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किए गए। भाषा  Edited By : Sudhir Sharma