EXCLUSIVE : राममंदिर के समर्थन के कारण दाउद और आतंकी संगठन कराना चाहते है मेरी हत्या : वसीम रिजवी

विकास सिंह
मंगलवार, 5 नवंबर 2019 (14:29 IST)
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अपनी जान को खतरा जताया है। वेबदुनिया से खास बातचीत में वसीम रिजवी ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर के सर्मथन के कारण वह लंबे समय से D कंपनी और पाकिस्तान में स्थित अन्य आतंकी संगठनों के निशाने पर है।

ऐसे में जब अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है तब उनकी जान को और अधिक खतरा हो गया है। वह कहते हैं कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पाकिस्तान और उसके संरक्षण में पल रहा डी कंपनी का सरगना दाउद भारत में माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहा है। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में वसीम रिजवी कहते हैं कि उन्होंने अयोध्या में जिस तरह राम मंदिर का समर्थन किया, उसके चलते वह पिछले काफी समय से दाउद कंपनी के निशाने पर है। एक साल पहले भी डी कंपनी के लोग भी उनको मारने आए थे लेकिन इंटरपोल की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने उनको पहले ही गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद भी उनको मारने की धमकी दी गई और बाद में हत्या के आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया कि कमलेश तिवारी के बाद वह अगला टारगेट थे। 
 
राममंदिर के समर्थन के कारण हत्या की साजिश : बातचीत में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी कहते हैं कि उन्होंने चूंकि अयोध्या में राममंदिर की पैरवी की है और भगवान राम के मंदिर के लिए मस्जिद की जगह छोड़ने की बात कही है इसलिए दाउद कंपनी के लोग सोचते है कि ऐसे लोगों को मार कर वह हिंदुस्तान के कट्टरपंथी मुसलमान और ऐसी सोच रखने वालों की हमदर्दी हासिल कर सके।

वह कहते हैं कि जिस तरह अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 के बाद मुंबई में ब्लास्ट किए गए और उसके पीछे डी कंपनी का नाम सामने आया उसके बाद डी कंपनी और पाकिस्तान इस बार भी साजिश रच रहा है। पाकिस्तान और डी कंपनी का टारगेट हिंदुस्तान के माहौल को खराब करना और मुस्लिम और हिंदुओं की बीच खाई को पैदा करना इसलिए वह ऐसे काम करते रहते है।

कट्टरपंथी मानसिकता को मजबूत करने और हिंदुस्तान में ऐसे संगठनों को मजबूत करने के लिए ऐसी कोशिश कर रहा है। वह कहते हैं कि डी कंपनी ने हमेशा जज्बात से खेलने की कोशिश की है और इसलिए उन्होंने कमलेश तिवारी की हत्या भी की और अब उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। 
 
नक्शा फाड़ कर हुई माहौल बिगाड़ने की कोशिश : वसीम रिजवी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि वह फैसला सुनाएगा और वह फैसला तो एक पक्ष में ही आएगा....सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के आखिरी दिन मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन के नक्शा फाड़ने को गलत बताते हुए कहते हैं कि उन्हें नक्शा नहीं फाड़ना चाहिए था। वह कहते हैं कि किसी को मानना या नहीं मानना अलग बात थी लेकिन नक्शा फाड़ कर माहौल को गर्म करने की साजिश हुई। 
 
अयोध्या में बने राममंदिर : वसीम रिजवी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिया वक्फ बोर्ड ने जो हलफनामा दिया उससे साफ कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। वह कहते हैं कि वह इस मसले वहां पर कोई फसाद नहीं चाहते है और हिंदुओं की आस्था को देखते हुए वहां पर एक राममंदिर निर्माण हो जाए। और इसके अलावा को कोई ऑप्शन भी नहीं है और वहां पर मंदिर निर्माण ही होना चाहिए।

वसीम रिजवी कहते हैं कि यह बेहतर होता है कि इस पूरे मुद्दें को समझौते से हल होना चाहिए था और इस पर कोर्ट से फैसले की नौबत नहीं आनी चाहिए थी। वसीम रिजवी मानते है कि कि जब किसी मुद्दें पर फैसला आता है तो एक पक्ष की हार होती है तो दूसरी की जीत होती है इसलिए वह चाहते थे कि इस मुद्दें को समझौते से हल होना चाहिए था। शिया वक्फ बोर्ड का मानना है कि अयोध्या में हिंदू की आस्था को देखते हुए वहां पर राममंदिर ही बनना चाहिए। 
 
शिया वक्फ बोर्ड का बड़ा फैसला : अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले शिया वक्फ बोर्ड ने सभी वक्फ संपत्तियों में अयोध्या से जुड़े किसी तरह के आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगा दी है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बातचीत में कहा कि वक्फ बोर्ड की अधीन स्थानों जैसे इमामबाड़ा, मस्जिद, दरगाह, कार्यालय, कब्रिस्तान ,मजार आदि पर अयोध्या मसले को लेकर किसी प्रकार के भाषण या धरना-प्रदर्शन या किसी भी प्रकार के आयोजन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।

वह कहते हैं कि कुछ शरारती तत्व माहौल बिगाड़ने की साजिश कर सकते है इसलिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
 

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