नोट बंदी से शिवसेना भी नाराज, कहा वित्तीय अराजकता का माहौल

सोमवार, 14 नवंबर 2016 (16:07 IST)
मुंबई। अवैध धन का सफाया करने में लोगों से सहयोग करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनात्मक अपील के बावजूद, शिवसेना ने सोमवार को विमुद्रीकरण को 'नारकीय और अव्यवस्थित' करार देते हुए कहा कि इसकी वजह से देश में 'वित्तीय अराजकता' का माहौल है।
शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान पर हमला बोलने के बजाय मोदी ने भारतीय नागरिकों को घायल कर दिया जिनके पास किसी तरह का काला धन नहीं है और जिन कुछ लोगों के पास वास्तव में अवैध धन हैं वे इसे सुरक्षित तरीके से विदेशी बैंकों में जमा कर चुके हैं।
 
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया, '125 करोड़ भारतीय बिना भोजन और पानी के चुभती गर्मी में कतार में खड़े हैं। क्या आप उनसे भविष्य में समर्थन की उम्मीद करते हैं? क्या आप लोगों को सड़कों पर आने के लिए मजबूर कर उनके दिए हुए आशीर्वाद का भुगतान कर रहे हैं? यह उन लोगों के साथ जबरदस्त धोखा है।'
 
शिवसेना ने आरोप लगाया कि काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए मोदी द्वारा अपनाया गया रास्ता 'नारकीय' और 'अव्यवस्थित' है जिसकी वजह से देश में 'वित्तीय अराजकता' का माहौल है।
 
इसमें कहा गया, 'पाकिस्तान पर हमला बोलने की जगह, प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नागरिकों को घायल कर दिया है और अराजकता को सहने के लिए उन्हें सलाम कर उनके राष्ट्रवाद का मजाक उड़ाया है।' इसमें कहा गया, 'कतारों में खड़े आम नागरिकों के पास काला धन नहीं है बल्कि यह कुछ मुट्ठीभर लोगों के पास है जिन्होंने विमुद्रीकरण की घोषणा होने से पहले इसे विदेशी बैंकों में जमा कर दिया है। उन कुछ लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?'
 
शिवसेना ने कहा कि आज, सड़कें खाली हैं, दुकानों का काम ठप्प है, सब्जी बाजारों का कोई खरीददार नहीं मिल रहा है, मजदूरों के पास कोई काम नहीं है और छुट्टे पैसे की कमी की वजह से पेट्रोल पंप धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं।
 
मोदी ने कल देशवासियों से अपने भावनात्मक अपील में, भारत में गलत तरीके से कमाए गए धन का सफाया करने के लिए 50 दिनों का समय मांगा है। (भाषा)

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