पार्टी का नाम मिलने पर CM शिंदे बोले- बालासाहेब के विचारों की जीत हुई, उद्धव ठाकरे ने जारी किया चिह्न

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022 (00:11 IST)
नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) ने शिवसेना (Shivsena) के दोनों गुटों को नए नाम जारी कर दिए हैं। आयोग ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए 'मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट को 11 अक्टूबर तक चुनाव चिह्न के लिए फिर से 3 नए विकल्प देने को कहा है। इस बीच शिवसेना ने ट्विटर पर अपना नया चुनाव चिन्ह जारी किया है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद दोनों दलों की ओर से रिएक्शन भी सामने आए हैं।
 
नामों पर जताया संतोष : उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें 'बालासाहेब' का उल्लेख करने वाले नए नाम आवंटित किए जाने पर संतोष व्यक्त किया है।
 
हिन्दुत्ववादी विचारों की जीत : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया कि आखिरकार बालासाहेब ठाकरे के मजबूत हिन्दुत्ववादी विचारों की जीत हुई। हम बालासाहेब के विचारों के उत्तराधिकारी हैं। शिंदे समूह के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा कि वे हमेशा से ही पार्टी में बालासाहेब का नाम चाहते थे और इसे पाकर खुश हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमारे गुट को अब शिंदे खेमा नहीं बल्कि 'बालासाहेबंची शिवसेना' कहा जाएगा। गोगावले ने कहा कि इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमें निर्वाचन आयोग से कौन सा चिन्ह मिलेगा? शिंदे खेमे के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा करेंगे और निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए नए चिह्नों को अंतिम रूप देंगे।
 
नाम से खुश ठाकरे गुट : ठाकरे के करीबी और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा कि हमें खुशी है कि 3 नाम जो हमारे लिए सर्वाधिक मायने रखते हैं- उद्धवजी, बालासाहेब और ठाकरे- उन्हें नए नाम में रखा गया है। 
 
त्रिशूल के दावे को किया खारिज : शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों में से दोनों ने त्रिशूल और उगते हुए सूर्य को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने की मांग की थी। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 'मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए चुनाव चिह्न के रूप में 'त्रिशूल' की मांग करने के उद्धव गुट के दावे को खारिज कर दिया है। 
 
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि दोनों धड़ों द्वारा मांगा गया 'उगता सूरज' चुनाव चिह्न तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कझगम (द्रमुक) के लिए आरक्षित था। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को 'त्रिशूल' और 'गदा' को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने के सुझाव को खारिज कर दिया।
 
शिंदे गुट को जारी नहीं हुआ चुनाव चिन्ह : चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 'मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। आयोग ने शिंदे गुट से आज सुबह 10 बजे तक 3 चुनाव चिह्नों की सूची दाखिल करने को कहा है।
 
उपचुनाव से पहले लगाया था प्रतिबंध : चुनाव आयोग ने शनिवार को शिवसेना के दोनों खेमों को 3 नवंबर को अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया। आयोग ने उनसे सोमवार दोपहर तक 3 अलग-अलग नाम और इतनी ही संख्या में चिह्न बताने को कहा था। समझा जाता है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राजनीतिक दलों को धार्मिक अर्थ रखने वाले चुनाव चिह्न आवंटित करने के मामले में कड़ा रुख अपना रखा है।
 
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)

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