Surya Namaskar controversy: राजस्थान में हुई सूर्य नमस्कार के विवाद मामले में मुस्लिम संगठनों को कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सप्त सप्तमी के मौके पर 15 फरवरी को प्रदेशभर की स्कूलों में कराए जा रहे सूर्य नमस्कार के आयोजन के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि इस आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुस्लिम संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर आज सुनवाई की गई। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संगठन रजिस्टर्ड सोसायटी नहीं है और न ही वे स्कूली के बच्चों के रिप्रेजेंटेटिव हैं। जस्टिस महेंद्र गोयल की अदालत ने याचिकाकर्तओं से कहा कि वे 1 मार्च को दुबारा आएं।
क्या कहा सरकार ने : राजस्थान की भजनलाल सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि सूर्य सप्तमी के अवसर पर प्रदेशभर के सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाए। उसके बाद इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सूर्य नमस्कार के इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।
क्या कहा मुस्लिम संगठनों ने : सरकार के इस आदेश का मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि सूर्य नमस्कार में प्रणामासन्न, अष्टांगा नमस्कार इत्यादि क्रियाएं पूजा का ही एक रूप है। जबकि इस्लाम धर्म में अल्लाह के सिवाय किसी अन्य की पूजा स्वीकार्य नहीं है। लिहाजा मस्लिम समुदाय के लिए इसे किसी भी रूप या स्थिति में स्वीकार करना संभव नहीं है।
इसको लेकर दो दिन पहले जमियत उलेमा-राजस्थान की राज्य कार्यकारिणी ने बैठक की थी। उसमें प्रस्ताव पारित कर मुस्लिम समुदाय से अपील की गई थी कि वे 15 फरवरी को अपने बच्चों का स्कूल नहीं भेजें। उसके बाद इस मामले को लेकर राजस्थान मुस्लिम फोरम और AIMIM ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। वहीं राजस्थान का शिक्षा विभाग इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जोर शोर से जुटा हुआ है।
Edited by Navin Rangiyal