क्यों पिछड़े शिवकुमार : कर्नाटक विधानसभा चुनाव शिवकुमार के नेतृत्व में लड़ा गया था। इसलिए मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक उम्मीदवार और दावेदार भी वही थे, लेकिन ईडी और सीबीआई में मामलों की वजह से उन्हें मुख्यमंत्री बनाना पार्टी और राज्य सरकार के लिए खतरनाक हो सकता था।
चूंकि वे केन्द्रीय एजेंसियों के टारगेट पर हैं, ऐसे में उन्हें कभी भी जेल भी भेजा जा सकता है। यदि ऐसी स्थिति निर्मित होती है तो इससे न सिर्फ कांग्रेस बल्कि राज्य सरकार की भी किरकिरी होती। संभवत: पार्टी इसी आधार पर उन्हें मनाने में भी सफल होगी।