स्वरूप ने कहा कि सरकार ने 10 नवंबर 2016 को कहा था कि किशनगंगा और रतले परियोजनाओं पर भारत और पाकिस्तान के बीच तकनीकी मतभेद सुलझाने को लेकर फैसला करने के लिए विश्व बैंक की ओर से दो प्रक्रियाएं (भारत के अनुरोध पर एक निष्पक्ष विशेषज्ञ की नियुक्ति और पाकिस्तान के अनुरोध पर मध्यस्थता अदालत की स्थापना) एक साथ शुरू करना व्यावहारिक नहीं है।