जरूर पढ़ें : स्मॉग से जा सकती है आपकी जान...

यह तो अब सभी जानते हैं कि स्मॉग वायु प्रदूूषित करने वाले तत्वों से मिलकर बनता है। यह वातावरण को प्रदूूषित कर इंसानों के स्वास्थ्य पर अत्यधिक विपरीत प्रभाव डालता है। स्मॉग के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अस्थमा, एम्फेसेमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अन्य कई सांस संबंधी तकलीफें इंसानों को घेर सकती हैं। इसके अलावा, स्मॉग आंखों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। स्मॉग से शरीर की प्राकृतिक रूप से ठंड और फेफड़ों के इंफेक्शन के प्रति बचने की क्षमता कम हो जाती है। 


सबसे पहले जानते हैं कि स्मॉग कैसे स्वास्थ्य पर डालता है असर? 
स्मॉग में सूक्ष्म पर्टिकुलेट कण, ओजोन, नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड और सल्फरडाई ऑक्साइड होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ये सभी तत्व इंसानों की सेहत के लिए अतिहानिकारक हैं। बड़े शहरों में रहने वाले लोग ठंड के मौसम में स्मॉग के कारण उपजी समस्याओं का सामना विकराल रूप में करते हैं। गाड़ियों के धुएं से हवा में मिलने वाले स्मॉग के सूक्ष्ण कण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करते हैं। इन कणों की मोटाई लगभग 2.5 माइक्रोमीटर होती है। इनके छोटे होने के कारण यह श्वास के दौरान सीधे फेफड़ों में घुसते हैं। साथ ही ये हृदय को भी गहरा नुकसान पहुंचाते हैं।  
यह भी पढ़ें : दिल्ली का स्मॉग पहुंचा लाहौर, पाकिस्तान ने भारत पर लगाया आरोप...
 

स्मॉग के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रत्यक्ष असर 
1. बाल झड़ना 
2. कमजोर दिल, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ना, दिल की बीमारियां 
3. खांसी, ब्रान्काइटिस का खतरा
4. त्वचा के रोग बढ़ना
5. इम्यून सिस्टन का कमजोर हो जाना
6. सांस लेने में मुश्किल 
7. ब्लड कैंसर होने की आशंका बढ़ना
8. आंखों में एलर्जी हो जाना
9. नाक, कान, गले, श्वसन तंत्र में इंफेक्शन
10. ब्लड प्रेशर के मरीज में ब्रेन स्ट्रोक होने की आशंका बढ़ना  

यह भी पढ़ें :  #सावधान! मास्क भी नहीं बचा पाएँगे वायु प्रदूषण से 
 
किसे है सबसे अधिक खतरा ? : ऐसे लोग जो बहुत अधिक बाहर (आउटडोर एक्टिविटी) होने वाली गतिविधियों जैसे जॉगिंग, दौड़, खुले में शारीरिक श्रम जैसे मजदूरी जैसी कोई भी क्रियाएं शामिल हो सकती हैं, रोज़ाना करते हैं स्मॉग से जुड़े खतरों से घिर सकते हैं। किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी ( मेहनत करने वाली क्रियाएं) करने से श्वास की गति बढ़ जाती है। इससे अधिक हवा फेंफड़ों  तक पहुंचती है। इससे स्मॉग में घुले जहरीले तत्व सीधे फेंफड़ों तक पहुंच जाते हैं।  

यह भी पढ़ें : कैसे बचें इस जानलेवा स्मॉग से, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर...
 
इन्हें रखना है खास ध्यान : फिलहाल तो यह स्मॉग हर किसी के लिए खतरनाक है, लेकिन बच्चों को स्मॉग से सबसे अधिक खतरा है। बाहर खेले जाने वाले खेलों में हिस्सा लेने वाले बच्चों में इससे अस्थमा और अन्य सांस संबंधी समस्याएं होने की संभावना काफी अधिक है। ऐसे युवा या मध्यम उम्र या बुजुर्ग जिनके काम में या शौक में बाहर रहने का अधिक काम होता है, स्मॉग से खासे प्रभावित होते हैं। 
 
यह भी पढ़ें : दिल्ली का स्मॉग पहुंचा लाहौर, पाकिस्तान ने भारत पर लगाया आरोप...
 
सांस संबंधी बीमारी से ग्रसित लोग : अस्थमा या अन्य श्वास संबंधी समस्या से जूझ रहे लोग स्मॉग के प्रति कमजोर और संवेदनशील साबित होते हैं।

यह भी पढें : जानिए कैसे बनता है स्मॉग  

वेबदुनिया पर पढ़ें