शरद यादव की एक टिप्पणी का संदर्भ लेते हुए स्मृति ने कहा, 'आज शरदजी जैसे बहुत वरिष्ठ सांसद ने एक बार फिर मुझे कहा- 'बैठ जाओ, बैठ जाओ'। कल्पना कीजिए कि इस तरह के नेता मसौदा समिति में अगर होते।'
स्मृति ने कहा, 'लेकिन कल्पना कीजिए, जैसा कि सदन के नेता ने कहा कि जब इसका मसौदा बनाया जा रहा था तब इतने वरिष्ठ सांसद मेरे जैसी किसी महिला पर किस तरह की पाबंदी लगाते। क्या मुझसे कहा जाता, ‘आपका रंग सांवला है, इसलिए आपको मतदान का अधिकार नहीं है? क्या मुझे कहा जाता कि आपके बाल छोटे हैं तो आपको मतदान का अधिकार नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे दिखाई दे रहा है कि मेरी बात से कुछ लोग परेशान हैं। लेकिन आज इस सदन में गिनाई गईं सामाजिक हकीकतों से अलग हमें इस सच्चाई को भी मानना होगा कि इस तरह की वास्तविकता के शिकार लोग केवल इस सदन के बाहर नहीं हैं, बल्कि हमने इसी सदन में भी यह देखा है।' (भाषा)