उन्होंने कांग्रेस को आदिवासी, गरीब और महिला विरोधी पार्टी बताया और आरोप लगाया कि द्रौपदी मुर्मू को जब राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया तभी से कांग्रेस उनका उपहास कर रही है और इस क्रम में उसने उन्हें कभी कठपुतली तो कभी अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा।
स्मृति ईरानी ने कहा कि सोनिया गांधी जी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन चौधरी ने द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्र की पत्नी के रुप में संबोधित किया। ये जानते हुए भी कि ये संबोधन भारत के हर मूल्य, हर संस्कार के विरुद्ध है।
कांग्रेस ने सोनिया जी की अध्यक्षता में ये संस्कार और मूल्यविहीन एवं संविधान को चोट पहुंचाने वाला काम किया है। संसद में और सड़क पर कांग्रेस और उनके नेताओं को देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी और देश से माफी मांगनी चाहिए।