स्मृति ईरानी ने कहा कि जहां तक छठी से आठवीं कक्षा के प्रभावित छात्रों का सवाल है, केंद्रीय विद्यालयों ने उन छात्रों को कॉंसिलिंग मुहैया कराने की शुरुआत कर दी है। छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में संस्कृत के स्थान पर कोई भी भारतीय भाषा चुनने का विकल्प होगा।
उन्होंने कहा, ‘अगर कोई छात्र तीसरी भाषा के रूप में तमिल का विकल्प चुनता है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि तमिल शिक्षक मुहैया हों।’ मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले सप्ताह तीसरी भाषा के रूप में जर्मन के बदले संस्कृत शुरू करने का फैसला किया था। (भाषा)