वे सोशल मीडिया का उपयोग इस मामले को और भड़काने में कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस हिंसा की निंदा की है। लोग इस बंद और इस पूरे मामले से हो रही परेशानी को भी सोशल मीडिया के जरिए बयां कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए लोगों ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए जातीय हिंसा को बढ़ावा देती हैं। ट्विटर के जरिए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
ट्विटर के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि लोग जिस सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वह आम जनता के जेब के पैसे से ही बनी है। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा कि सड़कों पर वे लोग दिखाई दे रहे हैं जिनके पास कोई काम-धंधा नहीं है। रोजी-रोटी की जद्दोजहद में लगे आम नागरिक को इस पूरे मामले से कोई मतलब नहीं है।