सरकार ने हाल ही इस सिलसिले में एक फैसला लिया है, जिसके तहत नौकरीपेशा वर्ग के लोगों को पीएफ (PF) में योगदान कम करने का विकल्प दे सकती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को सैलरी हाथ में (in-hand salary) ज्यादा आएगी। इस स्थिति में कर्मचारी अपने मनमुताबिक पीएफ की कटौती करवा सकेंगे।
हालांकि कर्मचारियों के लिए यह विकल्प तात्कालिक रूप से फायदा दे सकता है, लेकिन लंबे समय के लिए उसे नुकसान होगा, क्योंकि पीएफ में जमा राशि पर ब्याज बैंक की तुलना में ज्यादा मिलता है और अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए पीएफ राशि काफी काम आती है।