सोलर रेडिएशन, कांक्रेटाइजेशन या गर्म हवाएं, आखिर क्‍यों बढ़ रही गर्मी?

रविवार, 5 जून 2022 (14:31 IST)
इंदौर समेत देश के कई शहरों में गर्मी का पारा बढ़ गया है।  जितना नौतपा में नहीं तपा उससे कहीं ज्‍यादा नौतपे के बाद गर्मी महसूस हो रही है। हालांकि वैज्ञानिक मानते हैं कि राजस्‍थान से आ रही गर्म हवाओं की वजह से मध्‍यप्रदेश का तापमान बढ़ा हुआ है।

पिछले करीब 5 दिनों से पारा 40 के पार ही बना हुआ है। ऐसा आने वाले चार से पांच दिनों तक रह सकता है। मौसम विभाग भोपाल के पूर्व वैज्ञानिक जीडी मिश्रा ने वेबदुनिया को बताया कि हालांकि अभी तो प्रदेश में गर्मी का कारण राजस्‍थान से चलकर आने वाली गर्म हवाएं हैं।

वहीं देश के लगभग सभी शहरों में ओवरऑल गर्मी के पारे में जो इजाफा हो रहा है, उसके पीछे कई और भी कारण हैं। आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में।

कांक्रेटाइजेशन
कांक्रेटाइजेशन होने से गर्मी दो तरह से बढ़ती है। एक, कांक्रीट सोलर रेडिएशन को ज्यादा रिफ्लैक्ट करता है। दूसरा, कांक्रेटाइजेशन के कारण जमीन के भीतर पानी का रिसाव कम होता है। जमीन के भीतर पानी कम होने से जमीन के ऊपर सूखापन बढ़ जाता है। इससे भी गर्मी ज्यादा महसूस होती है। कांक्रिट की सडकें तप जाती हैं
तो गर्मी उगलती हैं। आजकल कई शहरों में कांक्रिट की ही सडकें नजर आती हैं।

एक कारण यह भी 
दूसरा कारण यह है कि मार्च से लेकर 21 जून तक के आसपास सूर्य धरती के करीब आते जाता है। सूरज जैसे-जैसे धरती के करीब आता है, उससे निकलने वाले रेडिएशन को भी धरती ज्यादा ग्रहण करती है। यानी धरती पर गर्मी अधिक होती है। हालांकि जून माह में गर्मी का असर कम होते जाता है, क्योंकि इस समय तक आसमान में बादल छाने लगते हैं जो सोलर रेडिएशन को कम कर देते हैं।

क्या होता है सोलर रेडिएशन?
सोलर रेडिएशन सूरज से निकलने वाली एनर्जी होती है जिसमें विजिबल लाइट, हीट (इंफ्रारेड किरणें) और अल्ट्रा वॉयलेट किरणें शामिल होती हैं। इनमें गर्मी के लिए जिम्मेदार इंफ्रारेड होती हैं।

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