कांक्रेटाइजेशन
कांक्रेटाइजेशन होने से गर्मी दो तरह से बढ़ती है। एक, कांक्रीट सोलर रेडिएशन को ज्यादा रिफ्लैक्ट करता है। दूसरा, कांक्रेटाइजेशन के कारण जमीन के भीतर पानी का रिसाव कम होता है। जमीन के भीतर पानी कम होने से जमीन के ऊपर सूखापन बढ़ जाता है। इससे भी गर्मी ज्यादा महसूस होती है। कांक्रिट की सडकें तप जाती हैं
दूसरा कारण यह है कि मार्च से लेकर 21 जून तक के आसपास सूर्य धरती के करीब आते जाता है। सूरज जैसे-जैसे धरती के करीब आता है, उससे निकलने वाले रेडिएशन को भी धरती ज्यादा ग्रहण करती है। यानी धरती पर गर्मी अधिक होती है। हालांकि जून माह में गर्मी का असर कम होते जाता है, क्योंकि इस समय तक आसमान में बादल छाने लगते हैं जो सोलर रेडिएशन को कम कर देते हैं।
क्या होता है सोलर रेडिएशन?
सोलर रेडिएशन सूरज से निकलने वाली एनर्जी होती है जिसमें विजिबल लाइट, हीट (इंफ्रारेड किरणें) और अल्ट्रा वॉयलेट किरणें शामिल होती हैं। इनमें गर्मी के लिए जिम्मेदार इंफ्रारेड होती हैं।