उन्होंने कहा, 'यह विधेयक उस आइडिया ऑफ इंडिया को बुनियादी तौर पर चुनौती है जिसके लिए हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने लड़ाई लड़ी। अब इसकी जगह अशांत, विकृत और विभाजित भारत बनेगा जहां धर्म राष्ट्रीयता की पहचान होगी।'
गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की।
लोकसभा ने सोमवार रात इस विधेयक को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।