कृष्ण जन्मस्थली पर इस बार 5250वां कान्हा जन्मोत्सव मनाया जाना जाएगा। मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म होते ही बाल गोपाल कान्हा अपने भक्तों को प्रज्ञान-प्रभास पोषाक में दिखाई देंगे। मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। जगमग-जगमग लाइटों का प्रवाह भक्तों को बरबस ही अपनी तरफ खींच रहा है। श्रीकृष्ण के जन्म से पहले उनके भक्त बेहद प्रसन्न नजर आ रहे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को संपूर्ण देशभर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इसलिए मथुरा में 7 सितंबर गुरुवार की रात्रि श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। हालांकि देश के बड़े हिस्से में बुधवार की रात्रि में कृष्ण जन्माष्टमी मानने का जश्न चल रहा है।
मथुरा जिले में कृष्ण जन्मोत्सव गुरुवार को होगा, देश-विदेश से कृष्ण की भक्ति में रंगे भक्त बड़ी संख्या में पहुंच चुके हैं और वहां की मनमोहक छवि देख अभिभूत होकर नाच-गा रहे हैं। भक्तों की भारी तादाद को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवान भी तैनात किए हैं।
कृष्ण जन्म के बाद भक्तों को सालों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक, प्रसाद में बधाई पोटली, खिलौने, मिष्ठान्न, फल, कपड़े आदि दिए जाएंगे। मंदिर प्रशासन का कहना है कि नंदोत्सव के दिन कढ़ी-चावल और पुआ का विशेष प्रसाद सभी श्रद्धालुओं को बांटा जाएगा।
कृष्ण जन्मस्थली पर तरह-तरह के आयोजन हो रहे हैं, ढोल-शहनाई की धुन कानों में रस घोल रही है। दूरदराज से मथुरा पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां आकर जीवन सफल हो गया, ऐसा मनमोहक दृश्य पहले कभी नही देखा। रंगबिरंगी रोशनी देखकर ऐसा लगता है कि दीपावली आ गई।
Edited By : Chetan Gour