नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महापुरुषों के सपनों के अनुरूप देश के निर्माण के लिए देशवासियों से नागरिक के तौर पर वर्ष 2020 तक कुछ न कुछ सकारात्मक योगदान करने का आह्वान किया है।
मोदी ने यहां लाल किला मैदान में आयोजित दशहरा समारोह में शनिवार को कहा कि विजयादशमी के पर्व पर सभी संकल्प करें कि वर्ष 2022 में जब देश आजादी के 75 वर्ष मनाएगा, एक नागरिक के नाते उस समय तक देश को कुछ न कुछ सकारात्मक योगदान दें। उन्होंने कहा कि तभी महापुरुषों ने जिन सपनों के साथ देश को आजादी दिलाई, उसके अनुरूप देश का निर्माण हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि उत्सव सामाजिक शिक्षा का माध्यम हैं। उत्सवों को सिर्फ मनोरंजन की दृष्टि से नहीं, बल्कि मकसद के रूप में देखना चाहिए। ऐसे उत्सवों से कुछ कर गुजरने का संकल्प बनना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने विजयादमी पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हजारों साल हो गए लेकिन प्रभु राम और प्रभु कृष्ण की गाथाएं आज भी जीवन को चेतना और प्रेरणा देती रही हैं। आज नवरात्र के पावन पर्व के बाद विजयादशमी के पर्व पर रावण दहन की परम्परा है। यह रावण दहन उस परम्परा का हिस्सा है, लेकिन एक नागरिक के नाते सामाजिक जीवन में जो रावण से मुक्ति होती है, उसका विनाश करने के लिए भी समाज में निरंतर जागृत प्रयास करने होते हैं।
उन्होंने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि अयोध्या से पहने हुए वस्त्रों में निकले राम पूरे रास्ते चलते-चलते संगठन शक्ति का इतना बड़ा कौशल बना देते हैं कि श्रीलंका विजय में हर तबके का व्यक्ति उनके साथ जुड़ जाता है। (वार्ता)