वर्सोवा में श्रीदेवी के बंगले पर सजे सफेद फूल भी मुरझाए...

सीमान्त सुवीर
कई बार इंसान की मौत के बाद भी उसकी आत्मा को सद्‍गति मिलने में कितनी परेशानी आती है, इसे बॉलीवुड की सुपरस्टार श्रीदेवी की मौत से आसानी से समझा भी जा सकता है और महसूस भी किया जा सकता है। श्रीदेवी का आलीशान बंगला 'भाग्या' मुंबई के वर्सोवा जैसे पॉश इलाके में है...यह बंगला भी उनकी मौत के बाद कई कदमों की हलचल के बाद भी सन्नाटे के आगोश में है...सबको इंतजार है सफेद चादर में लिपटी हुई श्रीदेवी की पार्थिव देह का...श्रीदेवी के बंगले पर सजे सफेद रंग के फूल भी मुरझा गए हैं...
 
 
हिंदू रीति में व्यक्ति की मौत के बाद उसके चाहने वाले अंतिम विदाई देने आते हैं और अपने साथ लाते हैं फूलों के हार ताकि वे हार चढ़ाकर अपनी श्रद्धा के आखिरी सुमन अर्पित कर सकें...लेकिन श्रीदेवी के साथ अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है क्योंकि उनकी मृत देह समंदर पार दुबई में डॉक्टरों की चीड़फाड़ के बाद 'विशेष लेप' के साथ रखी हुई है। विशेष लेप इसलिए ताकि मृत शरीर से बदबू न आए। सोमवार देर रात तक कागजी कार्रवाई चल रही है और मौत की असली वजह पर भी मंथन जारी है।
रविवार को मीडिया चिल्ला-चिल्लाकर ये राग अलापता रहा कि श्रीदेवी की मौत दिल की धड़कनें बंद होने की वजह से हुई और दुबई एयरपोर्ट पर खड़ा चार्टर्ड प्लेन पार्थिव देह को लेकर सुबह 9 बजे उड़ान भरेगा और करीब 11.30 तक मुंबई पहुंचेगा लेकिन दुबई में पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के बाद कई तरह के सनसनीखेज खुलासे होते रहे...और देर रात खबर दी गई कि अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को शव नहीं सौंपा गया है...यानी आगे सब कुछ ठीक रहा तो संभव है कि मंगलवार को सफेद चादर में लिपटा श्रीदेवी का मृत शरीर मुंबई पहुंचे। 
 
यूं तो श्रीदेवी के पति बोनी कपूर के परिजनों ने मुंबई में श्रीदेवी के अंति‍म संस्कार की तैयारियां तो रविवार रात से ही शुरू कर दी थीं, क्योंकि उन्हें भरोसा था कि शव सोमवार सुबह पहुंच जाएगा...श्रीदेवी ने परिजनों से अपनी अंतिम इच्छा भी व्यक्त कर दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि मुझे कुछ हो जाए तो मेरी मौत के बाद मुझे सफेद फूलों के साथ विदा करना...
श्रीदेवी को अपनी जिंदगी में सफेद रंग बहुत पसंद था। यही कारण है कि रविवार की रात को श्रीदेवी के वर्सोवा वाले बंगले को सफेद फूलों से सजाया गया। इसके लिए फ्लावर डेकोरेशन करने वालों की सेवाएं ली गईं। ताजे सफेद फूल भी 24 घंटे के बाद मुरझा गए हैं। वक्त भले ही तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कपूर परिवार के लिए तो एक-एक पल सदियों जैसा लग रहा है। श्रीदेवी के पति बोनी कपूर दुबई में हैं, जबकि दोनों बेटियां खुशी और जाह्नवी अनिल कपूर के बंगले में हैं। 
 
फिल्मी हस्तियां अनिल कपूर के बंगले पर आती हैं और अफसोस करके थके हुए कदमों से वापस चली जाती हैं। हर एक शख्स 'सिल्वर स्क्रीन' पर पांच दशक तक राज करने वाली सुपर स्टार श्रीदेवी के यूं अचानक चले जाने से गमजमा है। 

वैसे तो हर इंसान को एक ना एक दिन इस दुनिया को छोड़कर उस दूसरी दुनिया में जाना है, जहां से कभी कोई लौटकर नहीं आता है लेकिन हरेक की चाहत यही रहती है कि वह भरपूर जिंदगी जीकर जाए। श्रीदेवी का भाग्य ईश्वर ने कुछ दूसरी ही कलम से लिखा था...उन्होंने खूब नाम कमाया और दोनों दौलत के साथ शोहरत भी बटोरी लेकिन उनकी ये तमाम 'कमाई' यहीं पर धरी की धरी रह गई...मौत को गले लगाया भी तो परदेस में जाकर।
 
 
श्रीदेवी की मौत भी एक तमाशा बनकर रह गई। लग रहा है कि जैसे मानो श्रीदेवी की ही किसी फिल्म का अंतराल हुआ है और 15 मिनट के बाद फिर से परदे पर आ जाएंगी लेकिन सच्चाई तो ये है कि रुपहले पर्दे की इस सुपरस्टार की जिंदगी की फिल्म का THE END हो चुका है। इंसान खुशहाल जिंदगी जीने के चाहे जितने भी ताने-बाने बुन लें लेकिन वो ये भूल जाता है कि उसकी जिंदगी का 'रिमोट' तो किसी दूसरे के हाथों में है... 
 
 
श्रीदेवी की अचानक मौत से समूचा बॉलीवुड दहल गया है। बोनी कपूर से कहीं ज्यादा ये दर्द श्रीदेवी की उन दोनों मासूम बेटियों को झेलना है, जिनके न जाने कितने सपने पल भर में चकनाचूर हो गए। मां के दुनिया के चले जाने का असली दर्द तो वही महसूस कर सकता है, जिनके सिर से मां का साया उठ चुका है क्योंकि इस खाली जगह को दुनिया की कोई भी ताकत दोबारा नहीं भर सकती... 

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