राजद प्रमुख जो कि वर्तमान में दिल्ली के एम्स में इलाजरत हैं, ने अपने संदेश में आरोप लगाया है कि कमजोर वर्ग की रक्षा करने वाले कानून को हटाया और बदला जा रहा है। सरकार के विरूद्ध आवाज उठाने को देशद्रोह का नाम दिया जा रहा है। स्वयं केंद्र सरकार की ओर से उन ताकतों को बल दिया जा रहा है जो समाज को बांटने, समाज का ध्रुवीकरण करने और ध्रुवीकरण के आधार पर ही चुनाव जीतने को अपना लक्ष्य मानकर आगे बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ दबे कुचले, उत्पीडित, उपेक्षित, शोषित और वंचित वर्ग ही नहीं बल्कि अन्य राजनीतिक दल भी आज राजद से उम्मीद करते हैं कि हम फिरकापरस्त और मनुवादी ताकतों को ललकारें और उन्हें पराजित भी करें।
लालू ने अपने पार्टी के नेताओं से कहा है कि आगामी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन हमें अपने संघर्ष का स्मृति चिन्ह बनाकर पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने की ओर आगे बढना है तथा उस दिन दलित बस्तियों और कमजोर वर्ग के बीच जाकर उन्हें न केवल प्रताड़ित होने से बचाएं बल्कि उन्हें केंद्र और दक्षिणपंथी संगठनों के जन और समाज विरोधी हथकंडों और दुष्प्रचार से भी अवगत कराएं। (भाषा)