कंपनी ने कहा, इसलिए नियामक जांच के आ चुके तथा लंबित परिणाम और संबंधित कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए इसमें अलग से कोई स्वतंत्र जांच नहीं कराने का फैसला किया गया है। वित्तीय परिणामों में इस संबंध में कोई समायोजन नहीं किया गया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडाणी पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करने और खातों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। साथ ही अमेरिकी कंपनी ने फर्जी कंपनियों के जरिए धन के गुपचुप लेनदेन का भी आरोप लगाया था। रिपोर्ट आने के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्य सबसे निचले स्तर पर 150 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच गया था और अडाणी को सबसे अमीर भारतीय होने का तमगा खोना पड़ा था।Edited By : Chetan Gour (भाषा)