मुंबई। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सुब्बाराव ने तत्कालीन सरकार में अपने आकाओं पर तीखी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व वित्तमंत्रियों पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय बैंक के कामकाज में विशेष तौर पर ब्याज दर तय करने के मामले में हस्तक्षेप किया और इस मुद्दे पर मतभेद के चलते दो डिप्टी गवर्नरों को सेवा विस्तार भी नहीं मिला।
सुब्बाराव ने अपनी किताब में लिखा कि चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी दोनों रिजर्व बैंक की उच्च ब्याज दर की नीति से चिढ़े हुए थे, क्योंकि उनका मानना था कि उच्च ब्याज दर से निवेश प्रभावित होने के कारण वृद्धि पर असर हो रहा है। सुब्बाराव वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान रिजर्व बैंक के प्रमुख थे और वे 5 सितंबर 2008 से 4 सितंबर 2013 तक इस पद पर रहे।