श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं। यह पूछने पर कि क्या न्यायिक आयोग स्वयंभू बाबा से भी पूछताछ करेगा, इस पर भावेश कुमार ने कहा, आयोग हर उस व्यक्ति से बात करेगा जिससे हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए बात करना आवश्यक है।
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने रविवार को स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों और भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। यह दल शनिवार को हाथरस पहुंचा और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के पास भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया। रविवार सुबह न्यायिक आयोग की टीम ने जिले में अलीगढ़ रोड पर स्थित पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह पहुंचकर अपनी जांच जारी रखी।
हाथरस पुलिस ने शनिवार को कहा था कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा सत्संग का कथित वित्त पोषण किए जाने की भी जांच कर रही है और उसने इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। अधिकारियों के अनुसार, मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के दो जुलाई को हुए सत्संग का मुख्य आयोजक था तथा उसने इसके लिए चंदा एकत्र किया था। इस सत्संग में 2.50 लाख से अधिक लोग जुटे थे जबकि केवल 80 हजार लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गई थी।