वह यकृत की बीमारी और कैंसर से पीड़ित थे और सर गंगा राम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। अस्पताल के सूत्रों ने बताया, ‘उन्हें पांच दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनका निधन सुबह साढ़े दस बजे के आसपास हुआ।’
घीसिंग का जन्म 22 जून 1936 को दार्जिलिंग के मंजू टी एस्टेट में हुआ। वह 1954 में भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए, लेकिन 1960 में इसे छोड़ दिया और 1968 में जातीय गोरखाओं के अधिकारों की हिफाजत के लिए राजनीतिक संगठन बनाया और इसे नीलो झंडा नाम दिया।
अप्रैल 1979 में उन्होंने दार्जिलिंग की पहाड़ियों के नेपाली भाषी लोगों के लिए पृथक राज्य की मांग की। वर्ष 2011 में कर्सियांग, कलिमपोंग और दार्जिलिंग से उनकी पार्टी ने विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन तीनों में हार गए और उसके बाद राजनीति से दूर ही रहे। (भाषा)