स्वामी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का मैं पूरी तरह से स्वागत करता हूं। वर्मा जैसे ईमानदार अधिकारी को इस तरह से बेइज्जत करना दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार के लिए करारा झटका है क्योंकि वर्मा को कार्यमुक्त करने का फैसला सरकार का था। सरकार को इसमें विहित प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री को मुहैया कराए गए तथ्यों की इतनी गहराई में जाने की, उनसे अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इसलिए उन्हें मुहैया कराई गई जानकारी और तथ्य गलत साबित होने पर इन्हें मुहैया कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।