उन्होंने कहा कि अभी भी उनका यही मानना है कि मौजूदा आर्थिक स्थितियों तथा पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा के उन सुझावों को ध्यान में रखते हुए, जिसमें उन्होंने कहा है कि जीएसटी को तुरंत स्वीकार करना मुश्किल होगा क्योंकि इसे लेकर उद्योगों की तैयारी पूरी नहीं हो पाई है और जरुरी नेटवर्क का सेवा प्रदाताओं की ओर से पूरा परीक्षण भी नहीं किया गया है, जीएसटी को जुलाई 2019 तक के लिए टाल दिया जाना चाहिए। वरना यह सरकार के लिए वाटरलू साबित हो जाएगा।