सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्वीट कर कहा कि माल्या के फरार होने संबंधी मामले में अब हमारे पास दो ऐसे तथ्य हैं, जिनसे इनकार नहीं किया जा सकता। पहला 24 अक्टूबर 2015 को लूक आउट नोटिस को कमजोर कर ब्लॉक रिपोर्ट डिर्पाचर कर दिया गया था। ताकि माल्या 54 चेक लगेज आइट्म के साथ बाहर जा सके।
उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।