पश्चिम बंगाल की एक महिला और उसके पति ने शीर्ष न्यायालय से गर्भपात की इजाजत इस आधार पर मांगी थी कि महिला के गर्भ में पल रहा भ्रूण दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित है, जो महिला की सेहत के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
शीर्ष न्यायालय ने पिछले महीने केंद्र को नोटिस भेजकर इस मामले पर राय मांगी थी। महिला के वकील ने एम टी पी कानून 1971 की धारा तीन की वैधता को न्यायालय में चुनौती दी थी। वकील ने महिला को गर्भपात की अनुमति देने के लिये प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषग्य डॉ. देवी शेट्टी का एक प्रमाणपत्र भी न्यायालय के समक्ष रखा था।