पीठ ने कहा, 'यह क्या है? उन्हें जाने क्यों नहीं दिया गया। वह दो साल से जेल में बंद हैं। एक या दो मामलों में ठीक है, लेकिन यह 89 मामलों में नहीं हो सकता है। जब भी उन्हें जमानत मिलती है, तो उनको फिर से किसी और प्रकरण में जेल भेज दिया जाता है। आप (सरकार) जवाब दाखिल करें। हम मंगलवार को सुनवाई करेंगे।'
सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि यह न्याय का मजाक है। पीठ ने कहा था, 'वह (खान) इतने लंबे समय से एक को छोड़कर सभी मामलों में उन्हें जमानत दे दी गई है। यह न्याय का मजाक है। हम और कुछ नहीं कहेंगे।'
उल्लेखनीय है कि आजम खान और अन्य लोगों पर कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने और सैकड़ों करोड़ रुपए से अधिक के सरकारी धन का दुरुपयोग करने के लिए रामपुर के आजम नगर पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी, 201, 409, 447, 420, 467, 468, 471 के साथ ही लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत दर्ज कराई गई थी।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देश के बंटवारे के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नाम का व्यक्ति पाकिस्तान चला गया और उसकी संपत्ति शत्रु संपत्ति के तौर पर दर्ज की गई, लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर 13.842 हेक्टेयर जमीन हड़प ली। आजम फिलहाल कई मामलों के संबंध में सितापुर जेल में बंद हैं। (भाषा)