सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा कि संपत्ति की स्थित, सार्वजनिक हित में उसकी जरूरत देखना जरूरी। मामले में फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि तीन जजमेंट हैं, मेरा और 6 जजों का... जस्टिस नागरत्ना का आंशिक सहमति वाला और जस्टिस धुलिया का असहमति वाला।
फैसले में कहा गया कि सरकार के निजी संपत्तियों पर कब्जा कर सकने की बात कहने वाला पुराना फैसला विशेष आर्थिक, समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सरकार हालांकि जनता की भलाई के लिए उन संसाधनों पर दावा कर सकती है जो भौतिक हैं और समुदाय के पास हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि आज के आर्थिक ढांचे में निजी क्षेत्र का महत्व है। नीति निदेशक सिद्धांतों के मुताबिक बने कानूनों की रक्षा करने वाला संविधान का अनुच्छेद 31 (सी) सही है। 9 (बी) सामुदायिक संपत्ति के सार्वजनिक हित में वितरण की बात करता है। सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देखा जा सकता है।
पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Edited by : Nrapendra Gupta