उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अंबानी, रिलायंस टेलीकॉम के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल की अध्यक्ष छाया विरानी ने न्यायालय में दिए गए आश्वासनों और इससे जुड़े आदेशों का उल्लंघन किया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन के अध्यक्ष और अन्य को अवमानना से बचने के लिए एरिक्सन को चार सप्ताह में 453 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।
उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस टेलीकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल दोनों को चार सप्ताह में सर्वोच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में एक-एक करोड़ रुपए जमा करने को भी कहा, नहीं तो अध्यक्ष को एक महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी। इसमें निर्देश दिया गया है कि रिलायंस ग्रुप की ओर से न्यायालय की रजिस्ट्री में पहले से जमा कराए गए 118 करोड़ रुपए एरिक्सन को दिए जाएं।