नई दिल्ली। सुप्रीमो कोर्ट ने ईवीएम के साथ वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान की प्रक्रिया बढ़ाकर पांच मतदान केंद्र करने संबंधी अपने आदेश पर पुनर्विचार के लिए 21 विपक्षी नेताओं की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। ये नेता चाहते थे कि कम से कम 25 फीसदी पर्चियों का मिलान किया जाए। कोर्ट के इस फैसले से विपक्ष को बड़ा झटका लगा है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि हम अपने आदेश को संशोधित करने के इच्छुक नहीं हैं। यह याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु की अगुवाई में विपक्ष के नेताओं ने दायर की थी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम के साथ औचक मिलान को बढ़ा कर पांच मतदान केंद्र तक कर दिया था लेकिन अब वे मांग कर रहे हैं कि इसे कम से कम 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। सिंघवी ने पीठ से कहा, 'यह भरोसा बनाने के कदमों की संतुष्टि के लिए होगा।'
सिंघवी ने कहा कि वीवीपैट पर्चियों के ईवीएम के साथ औचक मिलान को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों तक बढ़ाना महज दो प्रतिशत बढ़ाने के बराबर है और याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इसे कम से कम 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए।