आधार कार्ड पर मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में झटका

बुधवार, 7 अक्टूबर 2015 (19:42 IST)
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार को बुधवार को उस समय झटका लगा जब उच्चतम न्यायालय ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली और रसोई गैस की योजनाओं से इतर अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड के इस्तेमाल को स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए अपने अंतरिम आदेश में संशोधन करने से इंकार कर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी और कुछ राज्य सरकारों ने न्यायालय के 11 अगस्त के अंतरिम आदेश में संशोधन का अनुरोध किया था।
 
न्यायमूर्ति जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया कि अंतरिम आदेश में किसी प्रकार के संशोधन, स्पष्टीकरण और ढील के लिए अर्जियों पर संविधान पीठ ही सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ पहले ही आधार कार्ड योजना में निजता के अधिकार से जुड़े सवाल को संविधान पीठ को सौंप चुकी है।
 
पीठ ने कहा, 'हमारी राय है कि बेहतर होगा कि आदेश में सुधार के आवेदनों पर भी वृहद पीठ ही सुनवाई करे।'
 
शीर्ष अदालत ने 11 अगस्त को अपने आदेश में कहा था कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड वैकल्पिक रहेगा और संबंधित प्राधिकारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली तथा रसोई गैस वितरण प्रणाली के अलावा किसी अन्य मकसद के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे।
 
केन्द्र सरकार, रिजर्व बैंक, सेबी, इरडा, ट्राई, पेन्शन कोष नियामक प्राधिकरण और गुजरात तथा झारखंड सरीखे राज्यों ने हाल ही में न्यायालय में अर्जी दायर कर वृद्धों और कमजोर वर्ग के लोगों को उनके घर के दरवाजे पर ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ देने के लिये आधार कार्ड के स्वैच्छिक उपयोग की वकालत की थी।
 
न्यायालय ने कल सवाल किया था कि निजता के अधिकार जैसे मुद्दे पर फैसले के लिये मुख्य याचिकाओं को संविधान पीठ को सौंपे जाने के बाद क्या अंतरिम आवेदनों पर यह पीठ विचार कर सकती है। (भाषा)

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