जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ अपने फैसले में कहा कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कमेटी मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का चयन करेगी। हालांकि अदालत ने साफ कहा कि नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही रहेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति के लिए अपनायी प्रक्रिया पर गुरुवार को सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी फाइल को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई। अदालत ने कहा कि 24 घंटे में कैसे मिल गई नियुक्ति को मंजूरी। पीठ ने कहा था कि यह किस तरह का मूल्यांकन है? हम अरुण गोयल की योग्यता पर नहीं बल्कि प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।
पीठ ने कहा कि 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोयल ने एक ही दिन में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, एक ही दिन में कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल पारित कर दी, 4 नामों की सूची प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की गई तथा गोयल के नाम को 24 घंटे के भीतर राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई।