इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता से मामले में प्रमाण पेश कर ये बताने को कहा था कि फिल्म में उन्हें किस बात की आपत्ति है। अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया था की आप फिल्म देखे बिना कैसे निर्धारित कर सकते हैं कि ये आचार संहिता का उल्लंघन करता है।