आरटीआई एक्टिविस्ट सुधीर यादव की इस याचिका में कहा गया था कि व्हाट्स ऐप ने अप्रैल से ही एन्क्रिप्श लागू किया है जिससे इस पर चेट करने वालों की बातें सुरक्षित रहती हैं और यहां तक कि सुरक्षा एजेंसियां भी इन्हें डिकोड नहीं कर सकतीं। याचिका में कहा गया है कि अगर खुद व्हाट्स ऐप भी चाहे तो वह भी इन संदेशों को उपलब्ध नहीं कर सकता।
याचिका में यह भी कहा गया था कि एन्क्रिप्शन को सुपर कंप्यूटर से भी इंटरसेप्ट करना मुमकिन नहीं है और ऐसे में आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के लिए सुरक्षा एजेंसियां न तो इंटरसेप्ट कर सकती हैं न ही जांच को आगे बढ़ा सकती हैं। इसलिए व्हाट्स ऐप, वाइबर, टेलीग्राम, हाइक और सिग्नल जैसे एप्स पर रोक लगाई जानी चाहिए।