इन डायरियों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नाम होने की बात कहीं गई थी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इनकी जांच का आदेश देने के लिए पर्याप्त ठोस सबूत नहीं है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने कॉमन कॉज और अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। (वार्ता)