उन्होंने चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध को प्रेस की स्वतंत्रता और सूचना के अधिकार के खिलाफ बताते हुए अति शीघ्र सुनवाई पर जोर दिया। लिहाजा, इस मामले पर अति शीघ्र सुनवाई किए जाने की आवश्यकता है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए 31 जनवरी को चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चैनल ने प्रतिबंध के कुछ घंटे बाद ही सरकार के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सरकार के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन अंतिम फैसला आने तक अंतरिम राहत देते हुए चैनल के प्रसारण की अनुमति दी थी।