Supreme court verdict on Maharashtra Political Crisis : सुप्रीम कोर्ट ने 16 MLA की अयोग्यता का मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि विधायक अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं। फिलहाल यथा स्थिति बरकरार रहेगी।
CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5-सदस्यीय संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के उस राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए मामले को 7 जजों की बेंच को सौंप दिया। हालांकि अदालत ने मामला बड़ी बेंच को सौंपने से पहले इस मामले पर टिप्पणियां भी कीं, जो कि शिवसेना के शिंदे गुट के लिए झटका माना जा रहा है।
संविधान पीठ ने 16 मार्च, 2023 को संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।
और क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने....
महाराष्ट्र गवर्नर के फ्लोर टेस्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल।
फ्लोर टेस्ट से पहले गवर्नर को सलाह लेनी चाहिए थी।
स्पीकर को सिर्फ पार्टी व्हिप को मान्यता देनी चाहिए।
स्पीकर ने असली व्हिप की जांच नहीं की।
स्पीकर को जांच करके फैसला लेना चाहिए।
अब 7 जजों की बड़ी बेंच करेगी महाराष्ट्र मामले की सुनवाई।
विश्वास मत के लिए अंदरूनी कलह का आधार काफी नहीं।
पार्टी की अंदरूनी कलह में गवर्नर का दखल सही नहीं।
उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया।
विधायकों ने एमवीए से हटने की इच्छा नहीं जताई थी।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के अंतिम दिन आश्चर्य व्यक्त किया था कि वह उद्धव ठाकरे की सरकार को कैसे बहाल कर सकती है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत परीक्षण का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान न्यायालय से आग्रह किया था कि वह 2016 के अपने उसी फैसले की तरह उनकी सरकार बहाल कर दे, जैसे उसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार बहाल की थी।
फैसले से पहले MVA का बड़ा बयान : महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे नीत सरकार के भविष्य पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाएगा कि देश में लोकतंत्र है या नहीं और क्या न्यायपालिका स्वतंत्र रूप से निर्णय ले रही है। राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि यह फैसला न्यायपालिका और संविधान के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि फैसला संविधान को मजबूत करेगा।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा कि न्यायालय का फैसला देश का भविष्य निर्धारित करेगा। फैसला यह तय करेगा कि देश में लोकतंत्र है या नहीं।
वहीं, दूसरी ओर शिवसेना प्रवक्ता और पार्टी विधायक संजय शिरसाट ने कहा, 'हमने नतीजे देखे हैं।।।निर्वाचन आयोग ने हमें पार्टी का नाम और चिह्न दिया तथा हमने इसी के साथ पहला चरण पार कर लिया।'
शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और अगला चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। फडणवीस की यह टिप्पणी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खिलाफ शिंदे के विद्रोह के कारण 2022 शिवसेना-केंद्रित राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से एक दिन पहले राज्य में राजनीतिक अटकलों के बीच आई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके खेमे के 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में प्रतिकूल फैसले की स्थिति में शिंदे अपने पद से हट जाएंगे, फडणवीस ने कहा कि इस चर्चा का कोई मतलब नहीं है। मैं आपको बता रहा हूं कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे और हम उनके नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ेंगे। शिंदे क्यों सौंपेंगे इस्तीफा? किसी तरह के कयास लगाने की जरूरत नहीं है।