मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खेहर और न्यायमूर्ति एन वी रमन की पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के बयान का संज्ञान लिया। उन्होंने बयान में कहा था कि मोबाइल उपभोक्ताओं की पहचान सत्यापित करने की व्यवस्था की जाएगी और नए मोबाइल उपभोक्ताओं को आधार आधारित ई-केवाईसी फॉम भरने होंगे ताकि सही पहचान सुनिश्चित हो सके।
पीठ ने कहा, यह दलील दी जाती है कि एक प्रभावी व्यवस्था बनाई जाएगी और जांच की प्रक्रिया एक वर्ष में पूरी कर ली जाएगी। हम संतुष्ट हैं कि रिट याचिका में किए गए आग्रह पर समुचित ध्यान दिया जाएगा। पीठ ने उम्मीद जताई कि प्रक्रिया निकट भविष्य में पूरी हो जाएगी और अधिकतम एक वर्ष पूरा होने से पहले इसे पूरा कर लिया जाएगा।