याचिकाकर्ता ने अपनी अपील में कहा था कि तमिलनाडु के लोग मरीना बीच पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को भोजन और पानी लेने की अनुमति नहीं दे रही है। इसलिए न्यायालय को इस मामले को सुनवाई के लिए स्वत: संज्ञान में लेना चाहिए, जैसा कि रामलीला मैदान वाले मामले में लिया गया था। (वार्ता)