इस तरह से दो दिन में लोकसभा अध्यक्ष ने कुल 46 सदस्यों को चालू सत्र में सदन की कार्यवाही से निलम्बित करने की कार्रवाई की है। लोकसभा में अन्नाद्रमुक और तेदेपा सदस्यों का हंगामा सुबह से चल रहा था। हंगामे के साथ साथ ये सदस्य कागज के टुकड़े अध्यक्ष के आसन के पास बार-बार उछालते नजर आए जिस पर अध्यक्ष ने कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी।
इन सदस्यों के हंगामे के कारण पहले प्रश्नकाल बाधित रहा और फिर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की गई सदस्य पुन: हंगामा करते हुए सदन के बीचोबीच आ गए और वे कागज के टुकड़े उछालते रहे। सदस्यों पर जब चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ तो श्रीमती महाजन ने दोनों दलों के 19 सदस्यों को निलम्बित करके दो बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसी बीच श्रीमती महाजन ने तेदेपा के दो सदस्यों रवींद्र बाबू और के श्रीनिवास का नाम लेकर चेतावनी दी कि वे लगातार सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्हें अपनी सीटों पर जाने के लिए कहा गया लेकिन दोनों सदस्यों ने अध्यक्ष की बात को अनसुना कर दिया। श्रीमती महाजन ने कहा कि दोनों सदस्य नियमों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं और निरंतर सदन की व्यवस्था में बाधक बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे जिन सदस्यों का नाम ले रही हैं, वे नियम 374-ए के तहत स्वत: सदन की कार्यवाही से शेष चार दिन के लिए निलम्बित हो जाएंगे, इसलिए वे सदन से बाहर चले जाएं। इसी बीच सदन में हंगामा बढ़ गया और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।