हालांकि इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह ज्यादा घातक नहीं है। इस वैरिएंट के संक्रमण के बाद बुखार, सूखी खांसी, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इस बारे में कोई ऐसी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमिक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं।
उन्होंने कहा कि इस वैरिएंट के संक्रमण के बाद लोगों को बेचैनी और उल्टी की दिक्कतें होती हैं। कभी-कभी नाड़ी की गति भी बढ़ जाती है। स्वाद और गंध का अनुभव बना रहता है। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है। कोरोना के अन्य वैरिएंट में व्यक्ति को स्वाद और गंध का अनुभव नहीं होता था।
बचने के उपाय : डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना के इस खतरे से बचे रहने के लिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि फिलहाल मास्क ही कोरोना के इस खतरे से हमें सुरक्षित रख सकता है। सभी लोगों को कोविड से बचाव के उपायों को लगातार प्रयोग में लाते रहना चाहिए।