पार्टी के सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया कि इस प्रस्ताव को सदन के शुक्रवार के कामकाज में शामिल किया जाए। प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में 9 सदस्य हैं। अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो यह मोदी सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा।
इससे पहले टीडीपी प्रमुख और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को विधानसभा में कहा, 'जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा हम उसका समर्थन करेंगे। हम उसके लिए तैयार रहेंगे और हमारे 16-17 सांसद उसका पूरी तरह समर्थन करेंगे। हम राज्य के अधिकारों के लिए जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे।'
टीडीपी अध्यक्ष ने वाईएसआरसी को चेतावनी देते हुए विधानसभा में अपने वक्तव्य में कहा, 'मैं बेहद दुख और दर्द और 40 साल के राजनीतिक अनुभवों के साथ कह रहा हूं। लोगों के जीवन से खेलना सही नहीं है। अगर आप गंभीरता से अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो हम पूरा सहयोग करेंगे। अगर आप मिलीभगत करके ऐसा करते हैं तो हम आपका पर्दाफाश करेंगे।' वाईएसआर कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाकर तेदेपा को रक्षात्मक मुद्रा में लाना चाहती है।