पार्टी के सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया कि इस प्रस्ताव को सदन के शुक्रवार के कामकाज में शामिल किया जाए। प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में 9 सदस्य हैं। अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो यह मोदी सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा।
536 सदस्यीय लोकसभा में भाजपा के 274 सदस्य हैं जबकि सहयोगी दलों के 56 सदस्य हैं। अगर अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो निश्चित तौर पर यह गिर जाएगा, लेकिन यह राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश जैसे राज्य में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को मुश्किल स्थिति में डाल देगा।
तेदेपा ने केंद्र सरकार से अपने मंत्रियों को हटा लिया जब केंद्र ने साफ कर दिया कि वह राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दे सकता। राज्य में सत्तारूढ़ तेदेपा अब राजग छोड़ने पर विचार कर रही है। अगर अविश्वास प्रस्ताव को तेदेपा के 16 सदस्यों का भी समर्थन मिल जाता है तो भी राजग सरकार को संख्या बल के मामले में कोई परेशानी नहीं होने वाली है।