श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने बारामुला में जैश-ए-मुहम्मद के डबल ए श्रेणी के डिवीजनल स्तर के कमांडर खालिद को मार गिराया है। उसके साथ करीब तीन घंटों तक मुठभेड़ चलती रही। उसके बाकी साथी बचकर भाग निकलने में कामयाब रहे। खालिद पिछले हफ्ते बीएसएफ कैंप पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था जिसके बाद से सुरक्षाबलों को उसकी तलाश थी।
डीजीपी एसपी वैद्य ने पत्रकारों से बातचीत में इस खबर की पुष्टि की। डीजीपी ने बताया कि आतंकियों ने सेना के गश्ती दल पर हमला किया था। तीन अक्टूबर को श्रीनगर एयरपोर्ट के करीब स्थित बीएसएफ कैंप पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने हमला करने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराया था, लेकिन इसके कमांडर की तलाश जारी थी।
सेना ने कश्मीर में फिर से अपनी जड़े जमाने का प्रयास कर रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के उत्तरी कश्मीर के डिवीजनल कमांडर खालिद को एक संक्षिप्त मुठभेड़ में मार गिराया। आतंकी कमांडर ने मुठभेड़ के दौरान बचने के लिए अपने तीन ठिकाने बदले, लेकिन बच नहीं पाया।
यहां मिली जानकारी के अनुसार, बारामुल्ला और उसके साथ सटे इलाकों में बीते दो साल से सक्रिय खालिद के बारे में एक सूचना मिलते ही आज दोपहर को सेना की 32 आरआर के जवानों ने लाडूरा इलाके में एक जगह नाका लगाया। नाका पार्टी को सड़क पर जैसे ही कुछ संदिग्ध लोग नजर आए, उसने उन्हें रुकने का संकेत किया। यह लोग आतंकी थे और उन्होंने नाका पार्टी को देखते ही उस पर फायर करते हुए निकटवर्ती बस्ती की तरफ दौड़ लगाई।
जवानों ने आतंकियों की फायरिंग से खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया और भाग रहे आतंकियों का पीछा कर उन्हें मुठभेड़ में उलझा लिया। कहा जाता है कि एक आतंकी वहां फंस गया और अन्य भाग निकले। उक्त आतंकी ने जान बचाने के लिए पहले एक मिडल स्कूल की इमारत में शरण ली। लेकिन जब उसे लगा कि वह बच नहीं पाएगा तो उसने साथ सटे एक मकान में पोजीशन लेकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग आरंभ कर दी।
खालिद का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी माना रहा है। डबल ए श्रेणी के आतंकी खालिद के जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर 12 लाख का नकद इनाम था। वह उत्तरी कश्मीर और सेंट्रल कश्मीर में जैश के नेटवर्क को धीरे-धीरे मजबूत करते हुए स्थानीय लड़कों की भर्ती में जुटा हुआ था। इसके अलावा वह उत्तरी कश्मीर में एलओसी के पार से आने वाले जैश के आतंकियों के लिए विभिन्न इलाकों में सुरक्षित ठिकानों का बंदोबस्त करने के अलावा पैसे का इंतजाम भी करता था।