राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि शिवसेना जिस सरकार का हिस्सा है, उसी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर हंसी का पात्र बन गई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की अगुआई वाली सरकारों का हिस्सा है। शिवसेना ने महंगाई और पेट्रोल के बढ़ते दामों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। पार्टी ने अहम मुद्दों पर उसके प्रदर्शन की पाटिल द्वारा आलोचना किए जाने को खारिज कर दिया।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में कहा कि जिन्हें लगता है कि शिवसेना ने अपना मजाक बनाया है, वे सत्ता के नशे में चूर हैं। हमारे पैर जमीन पर हैं। क्या आप (पाटिल) तब भी हम पर हंसोगे जब हम कहेंगे कि हर जगह आज लोग हंस रहे हैं, क्योंकि सत्ता में आने के बाद भी अच्छे दिन कभी नहीं आए जिसका भाजपा ने वादा किया था।
संपादकीय में कहा गया है कि महंगाई नियंत्रित करें और पेट्रोल तथा डीजल के दामों में कटौती करें। फसल कर्जमाफी का मुद्दा भी अभी अधर में लटका हुआ है। किसानों को सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों को पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं। पार्टी ने पाटिल को चेतावनी देने के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे का हवाला दिया जिन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पिछले साल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।