आतंकी हमले में 8 जवान शहीद, 3 आतंकी ढेर

श्रीनगर। दो सालों के अरसे के बाद जैश-ए-मुहम्मद द्वारा कश्मीर में किए गए पहले फिदायीन हमले में आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को 10 घंटों की मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 
 
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले की पुलिस लाइन पर तड़के हुए फिदायीन हमले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए, पांच अन्य सुरक्षाकर्मियों के घायल होने का भी समाचार है। प्रभावित क्षेत्र में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर सुबह से ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और अन्य सभी सेलुलर कंपनियों की मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं।
 
पुलवामा जिले में जिला पुलिस लाइन क्षेत्र में हुए फिदायीन हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। सुबह हुए हमले में घटनास्थल पर ही सीआरपीएफ के दो और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान शहीद हो गया था व दो अन्य घायल हुए हैं।
 
स्थानीय मीडिया के अनुसार, एक व्यक्ति ने खुद को संगठन का प्रवक्ता बताकर इस हमले की जिम्मेदारी ली है और यह भी कहा है कि उसके आतंकवादियों ने जिला पुलिस लाइंस और सीआरपीएफ कर्मियों को निशाना बनाया है। प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले में सात सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं या घायल हुए हैं और भविष्य में ऐसे ही अन्य हमले किए जाएंगे।
 
एक अधिकारी ने बताया कि परिसर, जिसमें अनेक मुख्यालय और आवासीय भवन स्थित हैं में दो से तीन आतंकवादियों के छिपे होने का संदेह था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने तड़के करीब साढ़े चार बजे जिला पुलिस लाइंस (डीपीएल) की एक इमारत में गोलीबारी शुरू कर दी। सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर फिदायीन हमलावरों का एक समूह सुरक्षाकर्मियों पर ग्रेनेड फेंकते और गोलीबारी करते हुए पुलवामा की जिला पुलिस लाइन (डीपीएल) में घुस गया।  
 
भारी हथियारों से लैस फिदायीन आतंकवादी इसके बाद डीपीएल की एक इमारत में घुसने के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी। इसके अलावा जिले के प्रमुख शहर और अन्य तहसील मुख्यालय में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। सुरक्षाबलों की ओर से कश्मीर घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट शुरू करने के बाद यह पहला फिदायीन हमला है।
 
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा दक्षिण कश्मीर में बीते दो सालों के दौरान किसी सुरक्षा प्रतिष्ठान पर किया गया अब तक का सबसे बड़ा हमला है। आतंकियों ने सुरक्षाबलों द्वारा स्थापित इलेक्ट्रॉनिक सर्वेलांस सेंटर को निशाना बनाते हुए आवासीय परिसरों में पोजीशन लेकर फायरिंग शुरू कर दी थी।
 
आतंकियों की सही स्थिति का पता लगाने और अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ड्रोन की मदद भी ली गई। पुलवामा में आतंकियों के समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच भी हिंसक झड़पें शुरु होने की भी खबर हैं। इसमें कई लोग घायल भी हुए हैं।

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