पिछले तीन सालों में जम्मू संभाग के राजौरी, पुंछ, डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़, रियासी और कठुआ के मच्छेड़ी में सैन्य वाहनों को निशाना बना 51 सैनिकों को मौत के घाट उतारने के मामलों की जांच अब एनआईए के हवाले है। इस जांच में जुटे अधिकारी सकते में हैं कि तीन साल पहले आतंकियों ने जिस रणनीति को अपनाया था, वे अभी भी उसी को अपनाते हुए जानलेवा साबित हो रहे हैं। पर सुरक्षाबल उसका तोड़ नहीं निकाल पा रहे हैं।
जिस वाहन पर हमला हुआ उसके साथ चल रहे दूसरे सैन्य वाहन पर सवार सैनिकों का दावा था कि आतंकियों ने स्नाइपर राइफल से दोनों वाहनों के चालकों को सबसे पहले निशाना बनाने के बाद दोनों पर हथगोले दागे थे। यह बात अलग थी कि दूसरे वाहन पर दागा गया हथगोला फूटा नहीं था और उसमें सवार जवानों ने आतंकियों का मुकाबला किया था जो कुछ देर बाद परिदृश्य से गायब हो गए थे।