बिहार में CM चेहरे पर कोई कन्फ्यूजन नहीं, कन्हैया कुमार ने बताया महागठबंधन का नाम

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 27 जून 2025 (20:34 IST)
RJD Leader Tejashwi Yadav CM Face: कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में ‘महागठबंधन’ की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव के प्रमुख चेहरा होने को लेकर कोई असमंजस और विवाद नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के जीतने पर सबसे बड़े घटक दल के रूप में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का नेता ही स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री होगा।
 
उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि चुनाव में मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन एक ‘साजिश’ के तहत इनसे ध्यान भटकाने के लिए बार-बार चेहरे की बात की जा रही है। कुमार का यह भी कहना था कि अगर पार्टी उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो वह जरूर लड़ेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।
 
बिहार में ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के घटक दलों के गठजोड़ को ‘महागठबंधन’ के नाम से जाना जाता है। इस गठबंधन में वाम दलों के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं। ALSO READ: बिहार में तेज प्रताप यादव बनेंगे किंगमेकर या बिगाड़ेंगे तेजस्वी का सियासी खेल?
 
इस बार बदलाव की बयार : बिहार में वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के बारे में पूछे जाने पर कन्हैया कुमार ने कहा कि मेरे खयाल से पिछली बार भी बदलाव का माहौल था। थोड़े अंतर से महागठबंधन की सरकार नहीं बन पाई। पिछले पांच वर्षों से बिहार की जो स्थिति है, उससे लगता है कि इस बार बदलाव की बयार पहले से ज्यादा मजबूत है।
 
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी ने महागठबंधन के घटक दलों का उल्लेख करते हुए कहा कि हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। जिसकी बड़ी जिम्मेदारी है वह निभाएगा और जिसकी छोटी जिम्मेदारी है, उसका भी निर्वहन जरूरी है। एक चुटकी नमक कम तो खाना बेस्वाद और एक चुटकी ज्यादा हो तो भी खाना बेस्वाद... इसलिए सब अपनी अपनी भूमिका निभाएंगे।
 
बिहार में कांग्रेस के प्रमुख चेहरों में शुमार इस नेता ने 'महागठबंधन' में 'सीनियर' और 'जूनियर' घटक के विचार को खारिज करते हुए कहा कि सभी दलों की अपनी भूमिका है और वे एकजुट होकर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि आप गाड़ी को देखें तो उसमें क्लच उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना ब्रेक और रियर व्यू मिरर भी महत्वपूर्ण होते हैं। ALSO READ: बिहार की राजनीति में कैसा है चिराग पासवान का भविष्य
 
महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे और तेजस्वी यादव से जुड़े सवाल पर कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह जनता तय करती है। जिसके पास संख्याबल है वह मुख्यमंत्री बनेगा। स्वाभाविक रूप से राजद ज्यादा सीटों पर लड़ेगा और ज्यादा सीटों पर जीतेगा। संख्याबल उसके पास होगा और मुख्यमंत्री पद पर उनकी दावेदारी होगी, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है।
 
यह पूछा गया कि क्या प्रमुख चेहरा तेजस्वी का है और इसको लेकर महागठबंधन में कोई असमंजस नहीं है? इस पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इसमें कोई संदेह, संकट या विवाद नहीं है। इसमें बिल्कुल स्पष्टता है कि महागठबंधन में प्रक्रिया के तहत चीजें हो रही हैं। सारी पार्टियों को मिलाकर मीडिया समूह बना है, सारी पार्टियों को मिलाकर घोषणापत्र समिति बनी है, सारी पार्टियां मिलकर सीटें तय करेंगी।
 
‘आपदा में अवसर’ ढूंढ रही है भाजपा : कुमार ने दावा किया कि भाजपा ‘आपदा में अवसर’ ढूंढ रही है और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाकर, इस पद पर अपना चेहरा लाने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वे नीतीश जी के अस्वस्थ होने पर यह कोशिश कर रहे हैं। वह पहले भी प्रयास कर चुके हैं। भाजपा पिछले कई दशकों से बिहार में वही करना चाहती है जो दूसरी जगह करने में सफल रही है। मतलब पहले क्षेत्रीय दल का साथ पकड़ो और फिर धीरे-धीरे उसे निगल जाओ। बिहार में ऐसा न कर पाने की वजह से भाजपा नीतीश का साथ लेने को मजबूर हुई।
 
कुमार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा था कि नीतीश जी के लिए सारे दरवाजे बंद हैं। तो क्या नीतीश जी ब्लूटूथ से (राजग में) डाउनलोड हो गए? उन्होंने कहा कि बिहार में पलायन, बेरोजगारी, पेपर लीक, परीक्षाओं का समय पर नहीं होना, अपराध में वृद्धि और नौकरशाही की मनमानी आदि प्रमुख मुद्दे होंगे। उनका कहना था कि भाजपा बिहार में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मुद्दे को ज्यादा नहीं उछाल रही है क्योंकि उसे पता है कि बिहार के लोग सेना को लेकर राजनीति पसंद नहीं करेंगे।
 
क्या विधानसभा चुनाव लड़ेंगे कन्हैया : कन्हैया कुमार ने खुद के विधानसभा चुनाव लड़ने से जुड़े प्रश्न पर क्रिकेट की शब्दावली का इस्तेमाल किया और कहा कि जैसे बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण सभी अलग-अलग जिम्मेदारियां हैं जिन्हें क्रिकेट के मैदान में निभाना पड़ता है, उसी तरह राजनीति में चुनाव लड़ना भी एक जिम्मेदारी है। 
 
उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना, दूसरों को चुनाव लड़वाना, प्रचार करना, ये सभी जिम्मेदारियां हैं जो पार्टी देती है। अगर पार्टी मुझे चुनाव लड़ने के लिए कहेगी तो मैं भी चुनाव लड़ूंगा। पहले भी, जब मैंने चुनाव लड़ा था तो यह पार्टी के आदेश पर ही लड़ा था। उन्होंने कहा कि अगर कप्तान मुझसे बाहर बैठने और क्रीज पर मौजूद लोगों के लिए ड्रिंक पहुंचाने के लिए कहते हैं, तो मैं यह करूंगा। और अगर कप्तान मुझसे कहते हैं, तो मैं पैड पहनकर बल्लेबाजी भी करूंगा। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
 

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