शून्यकाल में ही कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जाती हैं लेकिन कई जगहों पर अलग-अलग कारणों से इस समुदाय के लोग इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। मध्यप्रदेश में सहरिया जनजाति अत्यंत पिछड़ी जनजाति है। इस समुदाय के लोगों को राज्य के चंबल और ग्वालियर संभागों में अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लाभ मिल रहे हैं लेकिन सागर संभाग और भोपाल संभाग में उनको यह लाभ नहीं मिलता।
इस पर सदन में मौजूद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि इस बारे में मध्यप्रदेश सरकार की ओर से इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। बीजद के डॉ. अमर पटनायक ने सौर ऊर्जा उत्पादन से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि हर राज्य के पास इसके लिए अधिक क्षमता नहीं है लेकिन सरकार ने सबके लिए लक्ष्य तय कर दिया है। ओडिशा इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता, हालांकि उसके पास पनबिजली व्यवस्था से ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से 2-2 लाख रुपए दिए गए, जो पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि यह राहत राशि 25 लाख रुपए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को संपत्ति का नुकसान हुआ है, उनको क्षतिपूर्ति राशि दी जानी चाहिए। (भाषा)